नई दिल्ली :- भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के एक बयान में गौतम बुद्ध को भारतीय कहने पर भड़का नेपाल के विदेश मंत्रालय ने इस पर एतराज जताते सरकारी तौर पर प्रेस नोटिस जारी किया। आपको बता दे कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने CII (Confederation of Indian Industry) के एक संमेलन की चर्चा में कहा, ” मैं आपको इतिहास के दो उदहारण देता हूं थोड़ा पीछे चलिए तो दो भारतीय महापुरुष कौन थे? जिन्हें हमेशा याद करते हैं आपको बताना चाहूंगा पहले थे गौतम बुद्ध वह दूसरे थे महात्मा गांधी इन्हें सिर्फ हम और आप नहीं बल्कि पूरी दुनिया इन्हें सर्वश्रेष्ठ भारतीय महापुरुषों के नाम से याद करते हैं”। ऐसा उन्होंने दुनिया के बदलते परिदृश्य में वैश्विक नेतृत्व की चर्चा किस सवाल का जवाब देते हुए कही थी।
क्यो,गौतम बुद्ध को भारतीय कहने पर भड़का नेपाल?
गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी में हुआ था, यही कारण है कि वह भड़क गया क्योंकि नेपाल के PM ओली ने कुछ समय पहले कहा था कि श्री राम का जन्म नेपाल में हुआ था और राम नेपाल के है जबकि पूरी दुनिया जानती हैं कि श्री राम का जन्म भारत के अयोध्या में हुआ था। और डॉ. एस जयशंकर के बयान से बुरी तरह डर गया।
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भारत की तरफ से जवाब।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने डॉ. एस जयशंकर के बयान को साफ करते हुए लिखा विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बयान को भारत और नेपाल की साझा संस्कृति के तौर पर देखना चाहिए इस मे कोई विवाद नहीं है कि गौतम बुद्ध नेपाल के लुम्बिनी में ही जन्मे थे।
PM ओला के बार-बार विवादित बयानों से नेपाल की जनता भी पर्सन परेशान है कुछ समय पहले श्री राम जी को भी वह राजनीति के चक्कर में नेपाल के बता चुके हैं साथ में नेपाल में राम जन्मभूमि होने का दावा करते हैं और वहां राम मंदिर बनाने का जनता से वादा कर चुके हैं।
PM ओला चीन के भड़कने में चल रहे है, परंतु सबको पता है चीन किसी का सगा नहीं हुआ कभी।